Surah Fatiha | Surah Fatiha In Arabic | Surah Fatiha Translation Hindi Urdu English
Surah fatiha in Arabic بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَۙ(۱) الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِۙ(۲) مٰلِكِ یَوْمِ الدِّیْنِؕ(۳) اِیَّاكَ نَعْبُدُ وَ اِیَّاكَ نَسْتَعِیْنُؕ(۴) اِهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِیْمَۙ(۵) صِرَاطَ الَّذِیْنَ اَنْعَمْتَ عَلَیْهِمْ ﴰ غَیْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَیْهِمْ وَ لَا الضَّآلِّیْنَ۠(۷) BismillaHir RahmaNir Raheem Surah Fatiha In Hindi बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (1) अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन (2) अर्रहमानिर्रहीम (3) मालिकि यौमिद्दीन (4) इय्या-क नअ्बुदु व इय्या-क नस्तअीन (5) इह्-दिनस्सिरातल्-मुस्तकीम (6) सिरातल्लज़ी-न अन्अ़म्-त अलैहिम् गैरिल् म़ग्जूबि अलैहिम् व-लज़्ज़ाल्लीन (7) Surah Fatiha Tarjuma/Translation In English 1. In the Name of Allah, the Most Beneficent, the Most Merciful. 2. All the praises and thanks be to Allah, the Lord of the 'Alamin (mankind, jinns and all that exists). 3. The Most Beneficent, the Most Merciful. 4. The Only Owner (and the Only Ruling Judge) of the Day of Recompense (i.e. the Day of Resurrection) 5. You (Alone) we worship, and You (Alone) we ask for help (for each and everything). 6. Guide us to the Straight Way 7. The Way of those on whom You have bestowed Your Grace, not (the way) of those who earned Your Anger (such as the Jews), nor of those who went astray (such as the Christians). शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान नेहायत रहम वाला है। अल्लाह के नाम से पढ़ता हूं या शुरू करता हूं। तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं क्यों के तारीफ़ का असल हक़दार सिर्फ अल्लाह ही है। हर काम की शुरूआत में बिस्मिल्लाह की तरह अल्लाह की बड़ाई का बयान भी ज़रूरी है.अल्लाह की तारीफ़ और उसकी बड़ाई का बयान वाजिब होता है | अल्लाह की बनाई हुई है ! ओर इसमें जो कुछ है वह सब कुछ अल्लाह ही की है और अल्लाह तआला हमेशा से है, ओर हमेशा रहने वाले है ज़िन्दगी और मौत के जो पैमाने बना रखे हैं , अल्लाह उन सबसे पाक है, वह क़ुदरत वाला है. अल्लाह ताला बहुत रहम करने वाला है और अखीरत में वह सिर्फ रहीम होगा यहाँ उस की रहमत सिर्फ मोमिनों के लिए खास होगी। इन्साफ वाले दिन (मतलब कयामत/आख़िरत का मालिक ) सिर्फ और सिर्फ अल्लाह ताला होगा।अल्लाह ताला हर शक्श को इसके अच्छे या बुरे अमाल के मुताबिक जजा और साजा देगा। इबादत के मानी हैं किसी की रजा के लिए इंतेहाई आजिज़ी यानी जिस ज़ात से साथ मुहब्बत हो अल्लाह का ही इबादत करे| इस आयत में मूर्ति पूजा यानि शिर्क का भी रद है ! कि अल्लाह तआला के सिवा किसी और का इबादत नहीं कर सकते| ( मतलब हमको सीधा रास्ता चला ) इसमें अल्लाह (Allah) की ज़ात और उसकी ख़ूबियों की पहचान के बाद उसकी इबादत ( यानी अल्लाह की इबादत ), उसके बाद दुआ की तालीम दी गई है.
Surah Fatiha in English
Surah Fatiha Hindi Mein Tarjuma
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